(28 फरवरी 2016)
हाल के महीनों में अलग-अलग मुद्दों को लेकर गुजरात में पटेलों ने, मालदा और पूर्णिया में अल्पसंख्यकों ने, आंध्र प्रदेश में कापुओं ने और हरियाणा में जाटों ने जिस बड़े पैमाने पर हिंसा मचाई है, वह सिर्फ़ सरकार के ख़िलाफ़ नहीं, बल्कि देश के ख़िलाफ़ भी बड़ी साज़िश की तरफ़ इशारा है।
क्या सरकार को इन साज़िशों की भनक है? और अगर है, तो वह इन्हें बेनकाब करने के लिए, साज़िशकर्ताओं को पकड़ने व सज़ा दिलाने के लिए और आगे ऐसी घटनाएं न होने देने के लिए क्या कर रही है? क्या कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेता भी इनमें शामिल हैं? सरकार इतनी डिफेंसिव क्यों है?
No comments:
Post a Comment