(2 अक्टूबर 2015)
जानना चाहता हूं कि
1. मरने में क्या सिर्फ़ इंसानों को ही तकलीफ होती है या गाय, भैंस, बकरों, सूअरों, कुत्तो, ऊंटों, मुर्गों, कबूतरों वगैरह को भी होती है?
और,
2. कम से कम जिन पशुओं का दूध पीकर तुम्हारे बच्चे बड़े होते हैं (गाय, भैंस, बकरी वगैरह), क्या उन पशुओं की हत्या और मांस खाने की हवस भी तुम नहीं छोड़ सकते?
1. मरने में क्या सिर्फ़ इंसानों को ही तकलीफ होती है या गाय, भैंस, बकरों, सूअरों, कुत्तो, ऊंटों, मुर्गों, कबूतरों वगैरह को भी होती है?
और,
2. कम से कम जिन पशुओं का दूध पीकर तुम्हारे बच्चे बड़े होते हैं (गाय, भैंस, बकरी वगैरह), क्या उन पशुओं की हत्या और मांस खाने की हवस भी तुम नहीं छोड़ सकते?
अगर तुम्हारा जवाब "नहीं" भी होगा, तो भी मुझे परेशानी नही, क्योंकि जिस दुनिया में स्वार्थ के लिए भाई भाई को गोली मार देता है और बूढ़े हो जाने के बाद मां-बाप वृद्धाश्रमों में भेज दिये जाते हैैं, वहां मैं जानवरों के लिए दया-ममता क्यों जगाना चाह रहा हूं?
No comments:
Post a Comment