Thursday, November 19, 2015

हे कांग्रेसी बंधुओ, थोड़ा और आगे बढ़िए और तख्ता पलट दीजिए

(18 नवंबर 2015)

सिर्फ़ पाकिस्तानी मीडिया में गुहार लगाना काफी नहीं है। मणिशंकर अय्यर, दिग्विजय सिंह और सलमान ख़ुर्शीद को लेकर तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाइए, जो भारत में तख्तापलट करवाने के लिए ISI, ISIS, लश्कर और तालिबान से भी बात करे।
इसके अलावा, यह कमेटी मुशर्रफ़ को ज़रूर कंसल्ट करे। उनके पास ओसामा बिन लादेन जैसे कई "हीरो" हैं, जो वास्तव में दिग्विजय सिंह "जी" के भी हीरो हैं। अलावा उन्हें तख्तापलट का भी कामयाब अनुभव है। एक नया करगिल करने के लिए भी उन्हें प्रेरित किया जा सकता है।
लेकिन सिर्फ़ आतंकी संगठनों और रिटायर्ड जनरलों के सहयोग से बात नहीं बनेगी। दुनिया के प्रमुख देशों का सहयोग भी ज़रूरी है। इसलिए सोनिया गांधी इटली की सरकार से और राहुल गांधी ब्रिटेन की सरकार से अपनी नई-पुरानी नागरिकताओं की दुहाई देते हुए बात करें।
सोनिया और राहुल को पुराने संबंधों की दुहाई देते हुए रूस से भी अवश्य बात करनी चाहिए। पुतिन अभी मोदी से पक्का चिढ़े होंगे। इस अभियान में समाजवादी पार्टी को भी साथ लीजिए और आज़म ख़ान को समझाइए कि यूएन में गुहार लगाने का यही है सबसे सही मौका।
वामपंथियों को साथ लेकर चीन और नेपाल से भी सहयोग मांगिए। वामपंथी काडर देश में अंदरूनी हलचल मचाने में भी काफी कारगर हो सकते हैं। इतना ही नही। ज़रा यह भी देखिए कि माओवादियों को किस तरह अपनी गतिविधियां बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
बुद्धिजीवियों को भी बोल दीजिए कि विदेशी पैसे पर धुआंधार सभाएं-सेमिनार करके देश के अंदर माहौल बनाने में जुट जाएं। पुरस्कार तो सारे लौटा चुके हैं। इक्का-दुक्का बचे हों, तो उनसे भी लौटवा दीजिए। साथ ही देखिए कि लौटाने के लिए और क्या-क्या बचा है?
कुछ लोग लोकसभा चुनाव से पहले देश की नागरिकता छोड़ने की बात कर रहे थे। उन्हें फिर से टटोलिए। उनमें से अगर 10-20 बुद्धिजीवियो को भी आपने नागरिकता त्यागने का एलान करने के लिए राज़ी कर लिया, तो समझ लीजिए, बड़ी कामयाबी हो जाएगी।
बाक़ी आपका फ़र्ज़ है कि पार्लियामेंट के अंदर कोई काम नहीं होने देना है। क्या फ़र्क़ पड़ता है कि आप ख़ुद जीएसटी लाना चाहते थे? बस यह तय कर लीजिए कि इस सरकार में पास नहीं होने देना है। संसद में अगर घंटे-दो घंटे भी काम चल गया, तो आपकी तौहीन हो जाएगी।
इस असहिष्णु सरकार को अब एक भी दिन सहना प्रलय प्रतीत हो रहा है!

No comments:

Post a Comment