1 अक्टूबर 2015
जानवर खाने के लिए मर रहा और मार रहा है आदमी। इसीलिए कहता हूं कि जीव-हत्या बंद कर दो और शाकाहारी बनो। भारत सदानीरा नदियों और उर्वर मिट्टी का देश है। यहां हर साल लाखों टन गेहूं-चावल-आलू-टमाटर-फल-सब्जियां वगैरह सड़ जाती हैं, फिर भी खाने के लिए पशु-पक्षियों की हत्या? ये तुम्हारी कैसी भूख-प्यास है, जो पशु-पक्षियों के रक्त-मांस से ही बुझती है?
मैं हिंसा के शिकार हर व्यक्ति के लिए दुखी हूं, लेकिन पशु-पक्षियों की अनवरत् होती हत्याओं पर भी मेरा हदय उतना ही तड़पता है। मुझे तुम्हारे किसी धर्म से कोई लेना-देना नहीं। तुम लोग अफीम पी-पीकर मदहोश रहो। मैं तो आदमियों के हत्यारों का भी विरोध करूंगा और जानवरों के हत्यारों का भी। इस धरती पर ईश्वर के बनाए सभी जीवों का बराबर का हक है।
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